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विस्तार : सीक्रेट ऑफ डार्कनेस (भाग : 44)




संतुलक क्षेत्र!

एक ऐसा क्षेत्र जो अंधेरे में उत्पन्न विचलनों के प्रभाव को उजाले की दुनिया में और उजाले में उत्पन्न विचलनों के प्रभाव को अंधेरे की दुनिया में दिखाता था। यहाँ उजाले एवं अंधेरे दोनों क्षेत्र की ऊर्जा लहरियां मौजूद हैं पर जब किसी क्षेत्र के असंतुलन के कारण इन में टकराव होता है तो यह संतुलक उसके प्रभाव को कम से कम करने का प्रयास करता है। परंतु विस्तार के द्वारा अंधेरे-उजाले के बीच द्वार खोलने के कारण संतुलक की शक्ति क्षीण हो चली थी, ऐसे में हुई घटनाओ ने संतुलक क्षेत्र को भी असन्तुलित कर दिया था। यहां हो रहे स्याह ऊर्जा और श्वेत ऊर्जा के टकराव से अंधेरे और उजाले दोनों का ही विनाश तय था। परंतु समस्या यह थी कि अंधेरा पुनः जन्म ले लेता और उजाले को कई सदियां लग जाती।

आज इसी क्षेत्र में अंधेरे की तीन महाशक्तियां प्रवेश कर चुकी हैं, यह स्थान चारों ओर एकदम वीराना सा और बंजर नजर आ रहा था, जिसका कारण त्रयी महाशक्तियों को भली भांति पता था, अंधेरे की दुनिया में हो रहे शक्तियों का असन्तुलन! किसी सामान्य जीव के लिए यह क्षेत्र अकल्पनीय है, किसी को इस क्षेत्र के बारे में कुछ नही पता, यह कहाँ है, क्या है? त्रयी महाशक्तियों को भी इसे ढूढने में काफी समय लग गया, अब उन्हें यह सब जल्दी से ठीक कर के पहले की तरह सामान्य कर विस्तार की मदद करने भी जाना था।

डार्क फेयरीज़ और मैत्रा शक्ति संतुलन का पूर्ण प्रयास कर रही थीं, पर कुछ तो ऐसा था जो उनकी भी नजरों से छिप रहा था जिस कारण शक्तियों की इतनी बड़ी लहर दिखाई दे रही थी। आश्चर्य की बात तो यह थी कि विशुद्ध स्याह ऊर्जा विस्तार में हलचल होनी बंद हो चुकी थी। डार्क फेयरीज़ इतने समय से स्वयं के द्वारा किये गए असन्तुलन को ठीक करने में व्यस्त रहीं, इससे उनकी शक्तियां अधिक क्षीण होती जा रहीं थीं। अचानक ही स्याह लहरियां तेजी से उठती जा रही थीं, मैत्रा को भी समझ नही आ रहा था कि अचानक से इतना असन्तुलन कैसे?

"ये इतना अधिक कठिन क्यों लग रहा है, मैं अपने सारी कोशिशों के बाद भी इसे संतुलित नही कर पा रही हूँ।" आँच काफी परेशान नजर आ रही थी, वह नई ऊर्जा लहरियों को सामान्य करने का असफल प्रयास करती हुई बोली।

"हमने अब तक अपने किये असन्तुलन को ही ठीक किया है, मगर ऊर्जा संतुलित न हुई तो इस टकराव से उजाले की दुनिया भी बर्बाद हो सकती है।" ऐश ने अपनी चिंता जाहिर की।

"सचमुच इन ऊर्जा लहरियों के उतार-चढ़ाव से साफ स्पष्ट हो रहा है कि अब तक उजाले की दुनिया में हजारों प्राकृतिक आपदाएं, अप्राकृतिक तरीके से आ रही होंगी।" आँच उर्जा एक लहर को सामान्य करने का प्रयास करते हुए बोल रही थी, उसके जबड़े भींचे हुए थे, हाथों से उस ऊर्जा लहर को पकड़कर बिठा रही थी, उसको देखने से पता चल रहा था कि वह कार्य सरल बिल्कुल नही था, फिर भी आँच बिना उफ्फ तक किये भी लगातार कोशिश कर रही थी, उसपर लगातार दबाव बढ़ता जा रहा था। ऐश यह देखते ही उसकी ओर आयी।

"वह तो विस्तार ने ऐन मौके पर समझदारी दिखाई थी और द्वार को बहुत ही छोटा रखा, अब यह उसकी  समझदारी थी या केवल संयोग पर इस कारण धरती पर छोटे मोटे भूकम्प के झटके और समुद्र की लहरों में हलचल ही दिखाई दे रहा था। उजाले की दुनिया अब भी पापकर्मों में बुरी तरह लिप्त है, इससे अनजान कि उनके इन कृत्यों से अंधेरे के वाशिंदों को ऊर्जा मिलती है। आज पापकर्म उजाले की चलन बन गए हैं, ऐसे में अंधेरे की दुनिया के अंदर से ही अंधेरे की शक्तियों को रोकने वाले जीव की कल्पना भी सम्भव न थी, पर विस्तार…"  ऐश ने आँच की मदद करते हुए कहा, दोनों कब तक कर चूर हो चुकी थी।

"वह अकेले उन सबका सामना नही कर सकेगा, हमे शीघ्रता से सब ठीक करना होगा।" मैत्रा, शक्ति लहरियों के संयोजन में हुई गड़बडियों को ठीक करने का प्रयत्न कर रही थी।

"यह इतना सरल नही है मैत्रा! हमने संतुलक क्षेत्र को ढूंढने और अपने द्वार उभरे विचलनों को ठीक करने में इतना समय और शक्ति लगा दिया है कि अब हम कमज़ोरी महसूस कर रहे हैं, ऐसे में अगर जबरदस्ती की गई तो पलटवार भी हो सकता है।" आँच ने चिंता जताते हुए स्थिति को समझाया।

"और यदि ऐसा हुआ तो हम दुबारा संतुलक क्षेत्र में प्रवेश नही कर सकेंगे, फिर अंधेरे की शक्तियां और क्षेत्र बढ़ते ही जायेंगे और पूरी पृथ्वी अंधकार में डूब जाएगी।" ऐश ने आँच की बात को कंटीन्यू किया।

"तो इस मतलब ये हुआ कि हम विस्तार की मदद को नही जा सकते?" मैत्रा चिंतित हो रही थी, उसके स्वर में चिंता झलक रही थी। अचानक से विस्तार शक्ति का शांत हो जाना उसे और चिंतित कर रहा था।

"समस्या उससे कहीं बड़ी है जितनी दिखाई दे रही है मैत्रा! यह ब्रह्मांड के अस्तित्व को खतरे में डाल सकता है।" आँच लगभग चीखते हुए बोली, पर इतना तय था कि वह आने वाले खतरे से बहुत घबराई हुई थी, ऐश के चेहरे पर भी वही भाव थे। अब तक तीनो बुरी तरह थककर चूर हो चुकीं थी।

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युध्द तय हो चुका था, अंधेरे के उत्तराधिकार को संभालने के लिए कई चेहरे खड़े हो चुके थे, पर जब उन्होंने इसे करीब से देखा और समझा तो सभी दो भागों में विभक्त हो गए और जो नही हुई वो ग्रेमाक्ष अथवा मेराण द्वारा मारे गए।

ग्रेमाक्ष बहुत शक्तिशाली जीव था, उससे जीत पाना तो स्वयं डार्क प्राइम के लिए भी कठिन था, मेराण प्रतिशोध की आग में जल रहा था क्योंकि ग्रेमाक्ष ने उसके नवजात पुत्र को मार डाला था। डार्क प्राइम ग्रेमाक्ष द्वारा किये गए इस पीछे पीछे वार को भूल नही सकता था, उसकी आँखों में भी लावा तैर रहा था। वह उसके बेटे को जीवित कर पाने में असक्षम था, परन्तु इस भावना ने उसके मन में घर कर लिया, उसके भीतर शिशु को पुनः जीवित करने की प्रबल भावना छाई रही।

दोनों सेनाएं तैयार हो चुकी थीं, एक को राज्य चाहिए था तो एक को प्रतिशोध! एक के पास भावनाओं की रुकावट थी तो दूसरे के पास निर्ममता और दरिंदगी की शक्ति!

ग्रेमाक्ष अकेले ही सैकड़ों सैनिकों के बीच से अपनी "सोर्ड-एक्स" लिए आगे बढ़ रहा था, दोनों सेनाओ के टकराव से अंधेरे के इस साम्राज्य में तूफान आना तय था। दोनों सेनाएं भीड़ गयी, वीभत्सता चरम सीमा को पार हो गयी, अंधेरे के सैनिकों ने बिना कोई दया रहम बरते एक दूसरे को बुरी तरह काट डाला, जब कुछ समय बाद सबकुछ शांत सा हुआ तो चारों ओर लाशें ही लाशें बिखरी हुई थी। वातावरण में डर का आलम था, वहां केवल डार्क प्राइम और ग्रेमाक्ष क साथ कुछ ही सैनिक बचे हुए थे जो बुरी तरह घायल थे।

अब ग्रेमाक्ष और डार्क प्राइम आमने सामने खड़े थे, टकराव होना निश्चित था और इस टकराव का क्या परिणाम होता इससे दोनों ही अंजान थे। मेराण अपने बेटे के शोक में होने के बाद भी युद्ध में शामिल था और डार्क प्राइम के साथ नेतृत्व कर रहा था, जब उसने ग्रेमाक्ष को सामने देखा था तो अपना आपा खो दिया।

"तुम कायरता की सीमा को तोड़ चुके हो ग्रेमाक्ष! एक निरपराध शिशु के प्राण ले लिए तुमने!" मेराण के भीतर क्रोध और भावनाओं का ज्वालामुखी था जो ग्रेमाक्ष पर फट पड़ा।

"यहां कोई निरपराध नही है मेराण!" ग्रेमाक्ष पहले तो थोड़ा हैरान हुआ फिर युद्ध के मद में मेराण से टकरा गया। इन दोनों का युध्द दर्शनीय था, ऐसा लग रहा था मानो दो विशाल पर्वत शिखर आपस में टकरा रही हो।

"तुम मेरे सामने अधिक देर तक नही ठहर सकते हो ग्रेमाक्ष!" मेराण ने ग्रेमाक्ष के वार को रोकते हुए, पलटवार कर बोला।

"तुम ये स्वयं की शक्तियों का गान करना बंद करो मूर्ख! हमारे समक्ष तुम कुछ भी नही हो!" ग्रेमाक्ष के अगले वार से मेराण के छाती से लहू की धार उभर आई, मेराण अपने ही स्याह लहू में डूब रहा था। सोर्ड एक्स मेराण के सीने में घुसी जा रही थी, जिसे मेराण अपने दोनों हाथों से रोक रहा था

"ये कैसा हथियार है जिसका सामना मैं नही कर पा रहा हूँ।" मेराण थोड़ा विचलित हुआ, वह किसी तरह सोर्ड एक्स को बाहर निकालने में सक्षम हुआ, उसका घाव धीरे धीरे भरने लगा। यह देखते ही डार्क प्राइम मेराण की ओर बढ़ा, ग्रेमाक्ष अगला वार करने ही वाला था कि मेराण की जोरदार लात ने उसे उछालकर दूर फेंक दिया।

"मैं इससे निबट लूंगा प्राइम! परन्तु क्या तुम मुझे मेरा पुत्र लौटा सकते हो?" मेराण समझ चुका था कि कहीं न कहीं डार्क प्राइम ग्लानि में जल रहा था।

"परन्तु यह कैसे संभव है?" डार्क प्राइम हैरान हुआ।

"शक्ति स्थानांतरण प्रयोग से, वह तुम्हारी शक्तियों के छोटे से अंश से भी जीवित हो सकता है।" मेराण कराहते हुए बोला, क्योंकि ग्रेमाक्ष के घुसे ने उसका जबड़ा तोड़ दिया था। डार्क प्राइम आगे बढ़ा पर मेराण ने उसे फिर रोक दिया।

"तुमने मुझे यह पहले क्यों नही बताया?" डार्क प्राइम अधीर हो चुका था।

"मुझे लगा कि तुम्हारी यहां युद्ध में आवश्यकता होगी, मुझे मेरा पुत्र चाहिए डार्क प्राइम!" मेराण लगभग गिड़गिड़ाते हुए स्वर में बोला।

"मैं अपनी पूरी कोशिश करूंगा मित्र!" कहता हुआ डार्क प्राइम वहां से निकल गया।

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"तुम कहना चाहते हो कि तुमने मुझे जीवित किया?" वीर ने मुँह बनाते हुए उपेक्षा की दृष्टि से देखा।

"तुम सत्य से पूरी तरह अनभिज्ञ हो वीर! तुम नही जानते हो कि डार्क प्राइम कैसे बस डार्क लीडर बन कर रह गया, अंधेरे का उत्तराधिकारी सदियों तक अपने शत्रु का सेवक बनकर रहा" डार्क लीडर अपने एक एक शब्द पर जोर देते हुए बोला। "वो तो शुक्र है कि मुझे यह सब इस शरीर को धारण करने के बाद याद आया क्योंकि यही शरीर डार्क प्राइम के लिए सर्वोत्तम है।"

वीर और सुपीरियर लीडर (अमन) डार्क लीडर को ऐसे देख रहे थे जैसे उन्होंने अजूबा देख लिया हो, उन्हें कुछ भी समझ न आया नही आया,  दोनो अवाक खड़े रहे!

"पर अब वक़्त आ गया है कि अंधेरा अपने उत्तराधिकारी को पहचाने हाहाहा…..!" डार्क लीडर जोर जोर से हंसने लगा।

क्रमशः…….



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1 Comments

Seema Priyadarshini sahay

07-Sep-2021 04:09 PM

बहुत ही खूबसूरत

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